मैं हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का रसिक हूँ। मैं संवादिनी वादक हूँ, और मैंने ४ साल की आयु से अपने पिताजी श्री अविनाश वेलिंगकर से प्रारंभिक प्रशिक्षण लिया। वर्तमान में, मैं डॉ. प्रवीण गांवकर से गायन की तालीम ले रहा हूँ।
मैंने तबला भी सीखा है, और मुझे श्री रोहित मुजुमदार और श्री आदित्य कल्याणपुर से प्रशिक्षण लेने का अवसर मिला।
उपयोगी कड़ियाँ
गायन
- विविध रागों की बंदिशें यहाँ उपलब्ध हैं।
- मराठी गीतों (नाट्यसंगीत, अभंग, आदि) का यह अच्छा संग्रह है।
संवादिनी
- पं तुलसीदास बोरकर की मराठी पुस्तक, संवादिनी साधना, संवादिनी विद्यार्थियों के लिए एक बड़ा खज़ाना है, जिसमें संवादिनी वादन की बारीकी और उंगली के अभ्यास पर बहुत जानकारी है। उसमें उनकी विविध रागों में रचनाएं भी हैं।